डॉ मधु कपूर के इस लेख में आप उन दुविधाओं पर भी चर्चा देखेंगे जिनसे आप अपने जीवन में शायद कभी न कभी रु-ब-रु हुए होंगे, मसलन कभी-कभी तो हम यहाँ तक सोचते हैं कि मुझे अच्छा क्यों बनना है। या फिर यह कि किन परिस्थितियों में झूठ बोलना स्वीकार्य होगा। फिर इस लेख में ऐसे मुद्दे भी चर्चा में आते हैं कि जैसे जीवन मूल्य क्या होते हैं। उत्तर भी मिलता है कि मूल्य वह मान्यताएँ है जो हमें टूटने नहीं देती, चाहें कितने ही दुर्दिन क्यों न झेलने पडें। बहरहाल, अभी हम आपको बिना विलंब के लेख प्रस्तुत कर रहे हैं।












