मेरा देश हिंदुस्तान मेरा उत्तम संविधान - गणतन्त्र गीत
हमारे वरिष्ठ सहयोगी अजीत सिंह जी ने गणतन्त्र दिवस 2025 के अवसर पर हमें यह संविधान गीत भेजा है। संविधान और देश की जनता को समर्पित यह गीत हमें इस वेब-पत्रिका पर शेयर करते हुए अत्यंत प्रसन्नता है।
मेरा देश हिंदुस्तान मेरा उत्तम संविधान - गणतन्त्र गीत
अजीत सिंह
मेरा देश हिंदुस्तान,
मेरा उत्तम संविधान
मेरी आन, मेरी शान,
इस पर जान भी कुर्बान।
संविधान से बना है भारत, संप्रभुता संपन्न।
संविधान ने दिया है हम को, प्रजातंत्र।
संविधान से मिला है हमको,
सर्व धर्म सम्भाव।
संविधान ने दिया है हमको,
समाजवाद का भाव।
संविधान ने दिए हैं,
तीन स्तंभ सरकार के,
विधायिका,
न्यायपालिका,
कार्यपालिका ,
ये हैं तीन स्तंभ सरकार के।
संविधान से मिलता,
इंसाफ,
सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक इंसाफ।
संविधान है देता आज़ादी, विचारों की,
धर्मों की, पूजा की,
त्योहारों की।
संविधान देता अवसर बराबरी के,
शिक्षा के, रोजगार के,
प्रगति के, व्यापार के।
ऊंच नीच का भेद न होगा,
गरीब अमीर का भेद न होगा,
कहीं किसी को खेद न होगा।
व्यक्ति का सम्मान होगा,
मूलभूत अधिकार होंगे।
समाज में भाईचारा होगा,
अनेकता में एकता से,
देश मेरा यह न्यारा होगा।
संसद कानून बनाएगी,
पर संविधान का मूल ढांचा,
संसद भी बदल न पाएगी।
सुप्रीम कोर्ट न्याय करेगा,
प्रशासन हुकम बजाएगा,
कानून से राज चलाएगा।
राज करेगी,
भारत की जनता ।
सरताज रहेगी,
भारत की जनता।
यही है संदेश सबको
26 जनवरी का,
समझो और समझाओ मकसद,
26 जनवरी का।
संविधान है रूपरेखा,
हमारे आदर्शों की,
हमारे मूल्यों की,
हमारे सिद्धांतों की।
सुप्रीम कोर्ट प्रहरी
हमारे संविधान का,
हर नागरिक है रक्षक
इसकी आन बान का
मेरे देश का संविधान,
मेरे सपनों की उड़ान,
मंजिल बेशक दूर बड़ी है,
मुश्किल भी अगम खड़ी है
अभी तो बस दो कदम चले हैं,
अभी तो कदम कदम से मिले हैं।
रास्ता नहीं आसान,
फिर भी दिल में है अरमान
छूना चाहूं आसमान,
जब तक तन में है ये जान
देखूं सच्चा संविधान।
सही रास्ता दिखाया,
डॉक्टर अंबेडकर ने ,
बढ़िया संविधान बनाया,
डॉक्टर अंबेडकर ने ।
मेरे देश का संविधान,
मेरी आन, मेरी शान,
इस पर जान भी कुर्बान
जीवे मेरा संविधान
जीवे मेरा हिंदुस्तान।
जीवे मेरा संविधान
जीवे मेरा हिंदुस्तान।
भारत माता की जय।
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अजीत सिंह दूरदर्शन हिसार के समाचार निदेशक रह चुके हैं!