इस वेब पत्रिका के पाठकों कि लिए मनोज पांडे का नाम अपरिचित नहीं है। उन्होंने इस पत्रिका के पिछले अवतार में UNDER THE LENS केटेगरी के तहत पचास से भी ज़्यादा लेख लिख कर अलग-अलग विषयों की गहन पड़ताल की थी। अब वैज्ञानिक विषयों पर उनके लेख विज्ञान-विमर्श केटेगरी में प्रकाशित होते रहते हैं।
पिछले वर्ष उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल @HindiHealthVideos हिंदी में शुरू किया है। इस चैनल पर उन्होंने स्वास्थ्य विषयों पर वीडियो बनाने की शुरुआत की है जिनमें वह सही और गलत की पड़ताल करते हैं। इस वेब पत्रिका की स्वास्थ्य केटेगरी में आप उनके हेल्थ संबंधी अन्य लेख और वीडियोज़ देख सकते हैं।
आज हम जो आलेख दे रहे हैं उसमें एंटीबायोटिक (antibiotics) दवाओं के बारे में उपयोगी जानकारियाँ और सूचनाएं हैं। आप नीचे उनका छोटा सा आलेख और फिर वीडियो देखें जो आपको उपयोगी लगेगा।
अभी कुछ समय पहले, सितम्बर 2024 में, भारत की शीर्ष मेडिकल संस्था ICMR ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें विस्तार से बताया गया है कि भारत में एंटीबायोटिक दवाई कितनी कारगर हो रही हैं और कितना नुकसान पहुंचा रही हैं।
संक्षेप में कहें तो इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कई रोगों के उपचार के लिए जो एंटीबायोटिक दिए जाते हैं, उनका प्रभाव घट रहा है। अब जब वो एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं, उनसे या तो मरीज़ ठीक नहीं होता या दवा सामान्य से अधिक समय तक देनी पड़ती है।
एंटीबायोटिक दवाओं के प्रभाव कम होने के कई कारण हैं, और बेमतलब एंटीबायोटिक खाते रहना इनमें से एक बड़ा कारण है।
इस नए विडियो में इस रिपोर्ट की ख़ास बातों पर तो चर्चा की ही गयी है, साथ ही एंटीबायोटिक दवाओं से होने वाले नुकसान और किस तरह डॉक्टर भी इन दवाओं को ज़रुरत से अधिक ‘प्रेस्क्राइब’ कर देते हैं, इन पर जो नई बातें सामने आई हैं, उनके बारे भी बात की गयी है.
और हमेशा की तरह, इस चर्चा में भी कुछ व्यवहार में लाने लायक निष्कर्ष निकाले गए हैं।
देखें विडियो : घातक है एंटीबायोटिक्स का गलत इस्तेमाल!
*मनोज पाण्डे पूर्व सिविल सेवा अधिकारी हैं। उनका ब्लॉग आप https://manoj-pandey.blogspot.com पर देख सकते हैं।
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