महंगाई को काबू में रखने के लिए सरकार के विभिन्न विभागों की सहभागिता होती है। कीमतों को नियंत्रित करना उतना आसान नहीं होता, लेकिन सरकार यदि नीतिगत निर्णय सही तरीके से ले तो बाजार में कीमतों पर उसका असर अवश्य दिखता है। चीनी के मामले में लगभग यही हुई है। सहकारी आंदोलन को पुनर्जीवित और सुदृढ़ कर सरकार ने देश में चीनी को कड़वा होने से बचा लिया है।