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कहानी पन्नालाल की – बच्चों की समझदार कहानियाँ- 2

राजेन्द्र भट्ट* राजेन्द्र भट्ट नए-नए साहित्यिक प्रयोग करते रहते हैं। उनकी प्रयोगशाला हमारी वेबपत्रिका...

नास्ति की खुन्नस

विभिन्न दार्शनिक सिद्धांतों से परिचित होने के लिए पिछले कुछ सप्ताह में डॉ...

मूली लौट आई – बच्चों की समझदार कहानियाँ-1

राजेन्द्र भट्ट* बच्चों के दिलों-दिमागों में बहुत बड़प्पन और समझदारी होती है। दरअसल ‘सेनाइल’ यानी खड़ूस होना कोई पेजमार्क नहीं है कि साठ...

आइए बदलाव को बिना डरे गले लगाएं – फिल्मी गीतों से...

सुधीरेन्द्र शर्मा* दोहराना तो हमारे जीवन का जैसे मूल मंत्र है। सुबह से शाम तक सब कुछ दोहराया जाता...

जारी है शब्दों की यात्रा – डॉ सुरेश पंत की पुस्तक...

डॉ मधु कपूर* द्वारा पुस्तक समीक्षा प्रमुख भाषाविद एवं भाषा विज्ञानी डॉ सुरेश पंत की पिछले वर्ष...

सच कहना क्यों मुश्किल है – फिल्मी गीत से भी मिल...

सुधीरेन्द्र शर्मा* 'सच' सब सुनना चाहते हैं, लेकिन सच बोलना कोई-कोई! शायद इसलिए सच बोलने...

ओंकार केडिया की नई कविताएं – पर्वत विमर्श

ओंकार केडिया* की कविताएं आप इस वेब पत्रिका में पहले भी पढ़ चुके हैं। पूर्व में प्रकाशित उनकी अनेक कविताओं में...

अस्ति―अस्तित्व का झिंझोड़

डॉ मधु कपूर* विभिन्न दार्शनिक सिद्धांतों से परिचित होने के लिए पिछले कुछ सप्ताह में डॉ मधु कपूर...

जिन्न की साइकिल सवारी

सत्येंद्र प्रकाश* सत्येंद्र प्रकाश इस वेब पत्रिका पर पिछले कुछ समय से निरंतर लिख रहे हैं और मानव मन...